खोज-ए-आत्मा

आज आईने में खुद को देखकर ये सवाल हुआ,

मैं कौन हूँ, ये विचार सामने आया।

क्या हूँ मैं इस अस्थिर दुनिया में,

जहां जीने के रंग बदलते जाते हैं।

क्या हूँ मैं इस अनन्त ब्रह्मांड में,

जहां तारों की महक भरी गूँज सुनाई देती है।

क्या हूँ मैं इस विचित्र मानव समाज में,

जहां रिश्तों के बंधन तोड़े जाते हैं।

मैं एक सोच हूँ, एक भावना का संग्राम,

जो रंगीन ख्वाबों का सच बनाता है।

मैं आत्मा की उत्कंठा, आत्माराम की दासी,

जो भविष्य की ओर आगे बढ़ती है।

मैं विचारों का संगम, शब्दों का विलास,

जो विश्व को सुनाता है अपनी कविताओं में।

मैं एक राही हूँ, खोजता अनंत अंतरिक्ष में,

जहां अविरल अद्वितीयता की ज्योति दिखाई देती है।

मैं व्यक्तित्व का रहस्य, चेतना का अद्भुत आवाज,

जो प्रतिकूलताओं को चुनौती देता है।

मैं आज की पहचान, कल की आशा,

जो जीवन को रंगीनता देता है।

तो जब भी तुम आईने में खुद को देखो,

जान लो, तुम एक विचार हो अद्वितीय,

जीवन के मंगलमय सफर में एक खोज हो तुम,

केवल तुम अपने आपकी खोज हो तुम।

 

डेजर्ट फेलो – राकेश यादव 

यह कविता मनुष्य के अन्तर्मन को अनुभव करने और स्वयं की पहचान के महत्व को संवेदनशीलता से प्रस्तुत करती है। इसमें कवि आत्मविश्वास के साथ आत्मा के महत्व को जानता है और इस विश्व में अपने स्थान को समझने का प्रयास करता है।कवि अपने अस्थिर दुनिया में होने का विचार करता है, जहां जीवन के रंग बदलते रहते हैं। वह अनन्त ब्रह्मांड में भी अपने स्थान के बारे में विचार करता है, जहां तारों की महक भरी गूँज होती है। उसे यह भी दिलचस्पी है कि वह विचित्र मानव समाज में है, जहां रिश्तों के बंधन तोड़े जा सकते हैं।कवि अपने अंतर्मन को भी व्यक्त करता है और अपने विचारों के संगम को विवरण करता है। उसे आत्मा की उत्कंठा है और वह आत्माराम की दासी है, जो भविष्य की ओर अग्रसर हो रही है। वह अपने विचारों को कविताओं के माध्यम से व्यक्त करता है, जिनसे विश्व को सुनाई देते हैं।कवि एक राही के समान अनंत अंतरिक्ष में खोजता है, जहां अविरल अद्वितीयता की ज्योति दिखाई देती है। वह अपने व्यक्तित्व के रहस्य को समझता है और चेतना के अद्भुत आवाज़ को सुनता है, जो प्रतिकूलताओं का सामना करती है। वह आज की पहचान और कल की आशा को भी अनुभव करता है, जो जीवन को रंगीनता देते हैं।इस कविता में कवि अपने स्वयं की अहमियत को भलीभांति समझता है और यह समझता है कि जीवन के सफल सफर में खोजना और अपने स्वयं की पहचान करना महत्वपूर्ण है। वह यह कहता है कि जब भी हम आईने में खुद को देखते हैं, हमें यह जानना चाहिए कि हम विशेष और अद्वितीय हैं और हमारे पास खोजने और पहचानने की क्षमता है।

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