राजस्थान आओ तो हथाई जरुर करना

लो हथाई करते है


एक सुबह में अपने रूम से निकला, मे ग्राम भ्रमण के लिए तैयार था । अपने कार्यलय पहुंचकर टिकू जी से पूछा, सर, आज की क्या कार्ययोजना है? हम आज कौन से ग्राम जाएँगे और क्या करेंगे? टिकू जी मुस्कुराते हुए बोले, राकेश जी, हम सिर्फ हथाई करेंगे जिस भी ग्राम जाएँगे। मैंने हँसते हुए कहा, ये बहुत अच्छी बात है। हम दोनों गाड़ी में बैठे और एक गांव की तरफ निकल पड़े। रास्ते मे मेने पूछा, टिकू जी, मुझे हथाई के बारे में बताइए, इससे जुड़ी पुरानी बातें क्या होती हैं? टिकू जी ने कहा, हमारे पुराने समय में या आज भी हथाई को बहुत महत्व दिया जाता है।आज भी ग्रामो में किसी पेड़ के निचे,चौपालों पर घर,आंगन में जब लोग एकत्रित होते है या दो लोग भी बैठे हो जो चर्चा करते है उसे हथाई कहते है। मे उनकी बाते सुन ही रहा था की दिमाग में एक सवाल आया क्या वो पुराने समय की हथाई या कहे तो संवाद की स्थिति क्या है, क्या एक दुसरे के बिच हथाई मे वो बात और रस,सम बचा है जो पुराने समय मे हुआ करता था, वो पेड़ो की छाव,वो ग्राम के चबूतरे,वो आंगन की खटिया,वो एक दुसरे का आकार खड़े होना और कोई भी विषय हो हताई शुरू करना,कई बार तो ग्राम विकास की योजना भी हथाई मे ही बन जाती थी।

हथाई – जब दो या दो से अधिक लोग किसी एक विषय पर चर्चा करते है और सारे साथी उस चर्चा मे हिस्सा लेकर अपना मत या बात रखते है जिसमे संबोधन या अंतरभाषा शामिल हो,उसे हथाई कहा जा सकता है।

हथाई या संवाद का महत्व काफी बड़ा होता है


हथाई हमारी सामाजिक, व्यावसायिक और व्यक्तिगत जिंदगी का अहम हिस्सा है। हथाई न केवल हमारे बीच अच्छे समझौतों को सुनिश्चित करता है, बल्कि इससे हमारी समस्याओं का समाधान भी होता है। हथाई के माध्यम से हम अपने विचारों, अनुभवों और विचारों को दूसरों के साथ साझा करते हैं जो एक समृद्ध और समरसित समाज की नींव बनता है। हथाई के माध्यम से हम सीखते हैं, और इससे हमारी समझ में नए और अलग दृष्टिकोण का आगमन होता है। अगर हम हथाई की अभाव मे रहते हैं, तो हम एक अकेले महसूस करते हैं और अपने विचारों को व्यक्त नहीं कर पाते हैं। इससे हमारे मन मे तनाव बढ़ता है जो बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए, हथाई एक महत्वपूर्ण तंत्र है जो हमारी जीवनशैली को सुधारता है और हमें सकारात्मक तरीके से सोचने की शक्ति प्रदान करता है।

हथाई के लिए अनेक स्थान है जहाँ लोग मिलते है और बातचीत करते है। ये स्थान विभिन्न संस्कृतियों, क्षेत्रों और लोगों के अनुसार भिन्न है।

चौपाल – यह एक आम स्थान है जहाँ लोग अपने विविध मुद्दों को बहस करते है। यह स्थान गांव के मध्य या नजदीकी छोटे शहरों में होता है। चौपाल में सभी लोग बैठ कर बातचीत करते है और अपने मुद्दों का हल निकालने की कोशिश करते है।

आंगन – यह एक अत्यंत परिवारिक स्थान है जहाँ परिवार के सदस्य अपनी समस्याओं और चुनौतियों को बातचीत करते है। इस स्थान पर आमतौर पर महिलाएं बैठती है जो अपने घर के काम करती है।

गली चौक – यह एक सामान्य स्थान है जहाँ लोग एक दूसरे से मिलते है और बातचीत करते है। इस स्थान पर लोग अपनी अधिकांश समस्याओं के बारे मे बातचीत करते है।

दादाजीयो की समूह – यहा एक ऐसा समूह होता है जो जहा भी बुजुर्ग लोग एकतारित्र होते है,हथाई वही शुरू हो जाती है,ज्ञान की बाते,ग्राम के मुद्दे,पुरानी कहानिया,हंसी ठिठोली,मनोरंजक बाते अदि।

राजस्थान आओ तो हथाई जरुर करना


आप कभी राजस्थान आओ और आपको ग्रामो का भ्रमण करने का मौका मिले तो जरुर आप हथाई का हिस्सा बनीयेगा,यहा ग्रामो मे लोग हथाई को मानवीय मूल्यों को स्थापित करने का एक अहम माध्यम समझते है,अपने स्तर पर,विभिन्न संस्कृतियों और समुदायों में, हथाई एक स्वाभाविक विधि है जो लोगों के बीच संचार करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। अपने विचारों और भावनाओं को एक दूसरे से साझा करते है। हथाई द्वारा संवाद करने से, लोग एक दूसरे के साथ अपने विचार विस्तार करने और उन्हें समझने का एक माध्यम प्राप्त करते है। इसके अलावा, हथाई से संवाद करने से लोग एक दूसरे के साथ अपनी भावनाएं और विचारों को साझा करते है जिससे मानवीय मूल्यों को स्थापित करने मे मदद मिलती है। इस तरह, समुदाय मे हथाई एक प्रक्रिया, एक आवाज जो संवाद को संभव बनाती है और इस तरह से उन्हें एक दूसरे के साथ जुड़ने का मौका देती है। यह एक महत्वपूर्ण माध्यम है जो सामाजिक संबंधों को बनाए रखने मे मदद करता था और मानवीय मूल्यों को स्थापित करने मे भी मदद करता है।

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